"किसी का कटता नहीं,"
और
"किसी के पास होता नहीं,"
"वक़्त दिखाई नहीं देता"
पर
"बहुत कुछ दिखा देता है "
"अपनापन तो हर कोई दिखाता है "
पर
"अपना कौन है ये तो वक़्त दिखाता है"
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,
फिर ढूंढा उसे इधर उधर,
वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी,
एक अरसे के बाद आया मुझे करार,
वो सहला के मुझे सुला रही थी,
हम दोनों क्यों ख़फा है एक दुसरे से
मै उसे और वो मुझे सहला रही थी
मैंने पूछ लिया - क्यों इतना दर्द दिया
कमबख्त तूने ,
वो हंसी और बोली - मई ज़िंदगी हूँ
तुझे जीना सिखा रही थी..
क्योंकि
जो दिमांग कहता है वो मज़बूरी होती है .
और जो दिल कहता है वो मंजूरी होती है..
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